Aap ke bhitar hi toh hai jagat ka palan karta fir kyo bhatak te hai dar badar ......
मेरी दाती रखीं मैनूं चर्णा दे कोल । मेरी दाती तेरे जया कोई न होर। सब थां ठोकरां खा मैं आया । किसे नहीं दाती मैनूं अपनाया। मिली न किधरे वी ठौर-मेरी मैय्या.. सब दे दिलां दी मां तू जाने। मन लत आये तेरे दर आशा पुजानेबनी क्यों मात कठोर-मेरी मैय्या...... जगत दी वाली तू मां अम्बे ।सब ते कृपा कर जगदम्बे । औगन न साडे टटोल मेरी मैय्या..... मन मन्दिर मां जोत है तेरी । स्वास स्वास जपे जगदम्बे मेरी । मंझधार विच न छोड़-मेरी मैय्या...... मोह ममता दल दल विच फसया । कर्म कोई 'चमन' कर न सकया। पई मां अज तेरी लोड़-मेरी मैय्या... चमन नादान मैय्या दर तेरे आया। सब कुछ छड मोह तेरे नाल पाया। खाली न दर तों मोड़-मेरी मैय्या.....