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Aaj ka subhvichar

Aap ke bhitar hi toh hai jagat ka palan karta fir kyo bhatak te hai  dar badar ......

माता जी की प्रसिद्ध भेंट

मेरी दाती रखीं मैनूं चर्णा दे कोल । मेरी दाती तेरे जया कोई न होर। सब थां ठोकरां खा मैं आया । किसे नहीं दाती मैनूं अपनाया। मिली न किधरे वी ठौर-मेरी मैय्या..  सब दे दिलां दी मां तू जाने।  मन लत आये तेरे दर आशा पुजानेबनी क्यों मात कठोर-मेरी मैय्या...... जगत दी वाली तू मां अम्बे ।सब ते कृपा कर जगदम्बे । औगन न साडे टटोल मेरी मैय्या..... मन मन्दिर मां जोत है तेरी । स्वास स्वास जपे जगदम्बे मेरी । मंझधार विच न छोड़-मेरी मैय्या...... मोह ममता दल दल विच फसया । कर्म कोई 'चमन' कर न सकया। पई मां अज तेरी लोड़-मेरी मैय्या... चमन नादान मैय्या दर तेरे आया। सब कुछ छड मोह तेरे नाल पाया। खाली न दर तों मोड़-मेरी मैय्या.....

नित्य पढ़े : श्री दुर्गा कवच

ऋषि मारकंडे ने पूछा जमी । दया करके ब्रह्मा जी बोले तभी। कि जो गुप्त मन्त्र है संसार में। हैं सब शक्तियां जिसले अधिकार में। हर इक का जो कर सकता उपकार है। जिसे जपने से बेड़ा ही पार है। पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का । जो हर काम पूरा करे सवाली का । मैं नव दुर्गा के नाम बतलाता हूँ। कवच की मैं सुन्दर चौपाई बना। सुनो मारकंडे मैं समझाता हूँ। जो अत्यन्त है गुप्त देऊं बता ।

श्री दुर्गा स्तुति के कौन से अध्याय का पाठ किस लिए करें।

 निष्काम भाव से रोजाना पढ़ने वाले यह पाठ करें, दुर्गा कवच, मंगला स्तोत्र, अर्गला स्तोत्र, कीलक स्तोत्र, काली, चण्डी, लक्ष्मी, संतोषी मां रुक्षेत्र, नम्र प्रार्थना, नवदुर्गा स्तोत्र तथा आरती। हर प्रकार की चिन्ता हटाने के लिए प्रथम अध्याय । हर प्रकार के झगड़े जीतने के लिए दूसरा अध्याय । शत्रु से छुटकारा पाने के लिए तीसरा, भक्ति-शक्ति या भगवती के दर्शन पाने के लिए चौथा व पांचवा अध्याय । डर हम प्रेत छाया आदि हटाने के लिए छटा अध्याय हर कामना पूरी करने के लिए सातवां अध्याय । मिलाप वशीकरण के लिए आठवां गुमशुदा की तलाश, हर प्रकार की कामना पुत्रादि प्राप्त करने के लिए नवम् तथा दसवां अध्याय। व्यापार, सुख सम्पति के लिए ग्यारहवां। भक्ति प्राप्त करने के लिए बाहरवां अध्याय। मान तथा लाभ के लिए तेहरवां अध्याय । सफर जाने से पहले दुर्गा कवच श्रद्धा और शुद्ध भावना से पढ़े। धन दौलत कारोबार के लिए चण्डी स्तोत्र कलह कलेश चिन्ता से बचने के लिए महाकाली लक्ष्मी नव दुर्गा स्तोत्र पढ़िए यदि सारा पाठ न कर सके तो दुर्गा अष्टनाम और नव दुर्गा स्तोत्र पढ़ें। पाठ के समय गंगा जल या कुएं का जल साथ रखें शुद्ध आसन बिछा ...

श्री गणेशाधिपतये नमः

  नमो ब्रातपत्रये नमो गणप ये नमः प्रथमपतये नमोस्तुते।लम्बौदराये कदन्तराय विघ्न विनाशिने शिवसुताय नमोनमः। पूर्वामन्त्र सरस्वती मनुभजे शुम्भादि दैत्य दिनोमः । नदीनां च यथा गंगा देवनाग्न यथा हरिः । शास्त्रात्रेषु यथा गीता तथैय शक्ति रुतमा। अष्टम्मां बुधवारे 'चमन' दुर्गास्तोत्र विर्निमितम। अमृतसरी भवके नेनापि श्री नारायण सुनूनां । सर्वरुपमया देवी सर्वदेवीमया जगत। अतोहं विश्रवरुपां त्वां नमामि परमेश्वराम्

understand the Vedas and scriptures

 The Vedas and Granth in India. He is no ordinary. Every problem and problem is solved in the Vedas and the scriptures.  They play an invaluable role in our life. One who understands the Vedas and the texts and acts on the things written in them. He never gets into trouble.  But nowadays people don't even look away when they read their Vedas, they have an attraction towards science.  The new generation does not have any knowledge about the Vedas, nor does anyone explain the Vedas to them. That which is beyond science is found in the scriptures.

वेद और ग्रंथो को समझो

 भारत में जो वेद और ग्रन्थ है। वो कोई आम नहीं है।  वेदो और ग्रंथो में ही हर एक परेशानी और मुस्किलो कल हल है।  ये हमारी जिंदगी में एक अमूल्य किरीदार निभाते है।  जो वेदो और ग्रन्थ को समझ कर उसमे लिखी हुई बातो पर अम्ल करता है। वह कभी किसी संकट नहीं फसता।  परन्तु आज कल लोग अपने वेद ग्रन्थो  पड़ना  तो दूर देखते भी नहीं विज्ञानं की तरफ उनका आकर्सण है।  नई  पीढ़ी को वेद ग्रंथो के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है न ही कोई उनसे वेद ग्रन्थ को समझाता। जो विज्ञान से परे है वो ग्रंथो में मिलता है। 

Humble Prayer