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Aaj ka subhvichar

Aap ke bhitar hi toh hai jagat ka palan karta fir kyo bhatak te hai  dar badar ......

विनम्र प्रार्थना

 मुझ पर दया करो जग जननी सब अपराध क्षमा कर दो।

 शारदा  माता  बुद्धि     दो     मां   लक्ष्मी भंडारे भर दो।


आवाहन   विसर्जन पूजा   कुछ  भी  करना    जानू    न।

कर्मकांड    भक्ति   के मंत्र क्या है     यह    पहचानो न।

 मैं    अपराधों   सहित  भवानी   शरण तुम्हारी आया हूं। 

अज्ञानी   बालक   को    बक्सों     दाती तेरा     जाया हूं।

प्रगट    गुप्त  जो   गये उन  पर  ध्यान न      धरना  माँ। 

पाठ   मै   करू     तुम्हारा   आशा    पूर्ण  करना   माँ।


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