Aap ke bhitar hi toh hai jagat ka palan karta fir kyo bhatak te hai dar badar ......
संकट निवृत्ति के लिए:
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिये:
तत् आरम्भ नन्दस्य बृज: सर्वसमृध्दिमान।
हरेनि्वासात्मगुणे: रमार्कीडामभुत्रृप।।
वर प्राप्ति के लिये:
कल्यायनि. महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसचतं देवी पतिं मे कुरु मे नमः।
विध्या प्राप्ति के लिये:
मां शारदे नमस्तुभ्य काश्मीरपुरवासिनी।
चामहं प्रार्थये नित्यं विद्या दान्ण्च देसी में।।
सर्वत्र विजय प्राप्ति के लिये:
विजयाभीमुखा राजा श्रत्वैतदभियाति यान्।।
बर्लि तस्मै हरन्त्यर्गे राजान: पृथवे राधा।
भगवतप्राप्ति के लिये:
हानाथ रमण र्पेष्ठ क्वासि -क्वासि महाभुज।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिये:
तत् आरम्भ नन्दस्य बृज: सर्वसमृध्दिमान।
हरेनि्वासात्मगुणे: रमार्कीडामभुत्रृप।।
वर प्राप्ति के लिये:
कल्यायनि. महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसचतं देवी पतिं मे कुरु मे नमः।
विध्या प्राप्ति के लिये:
मां शारदे नमस्तुभ्य काश्मीरपुरवासिनी।
चामहं प्रार्थये नित्यं विद्या दान्ण्च देसी में।।
सर्वत्र विजय प्राप्ति के लिये:
विजयाभीमुखा राजा श्रत्वैतदभियाति यान्।।
बर्लि तस्मै हरन्त्यर्गे राजान: पृथवे राधा।
भगवतप्राप्ति के लिये:
हानाथ रमण र्पेष्ठ क्वासि -क्वासि महाभुज।
दास्यास्ते कृपणता में सके दर्शय सात्रिधिम्।।
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