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Aaj ka subhvichar

Aap ke bhitar hi toh hai jagat ka palan karta fir kyo bhatak te hai  dar badar ......

प्रातः काल प्रभु से अरदास

जहां दया वहां धर्म है, जहां झूठ कहां तह पापा। जहां लोग को मरण है, कहां गए तुलसीदास।। दाता के दरबार सभी खड़े हाथ जोड़। देने वाला एक है मंगत लाख-करोड़।। प्रभु इतना धन दीजिए जिसमें कुटुंब समये। मैं भी भूखा ना रहूं साधु न भूखा जाए।। आया है सो जाएगा राजा रंक फकीर। एक सिंहासन चढ़ चले एक दावे चले जंजीर।। दो बातों को याद रखो जो चाहे कल्याण। नारायण एक मौत का तुझ श्री भगवान।। बंसी वाले सावरे दीजौ दर्शन एक बार। चरण-शरण की दीजिए छूटे ना तेरा द्वार। बांकी झांकी श्याम की वजह हृदय के बीच।। जब चाहे दर्शन करूं झटपट हरी मीच।। धन जीवन उड़ जाएगा जैसे उड़त कपूर। मन मूरख गोविंद भज जो चाहे जग दूर सुबह सवेरे जाग के थ्रू प्रभु का ध्यान। भजन करो श्री राम का जब सोए कल्याण। कामी क्रोधी लालची इनसे भक्ति न होय। भक्ति करे कोई सूरमा, जात पात ना होए।। लेने को हरि नाम है देने को अन्नदान। तलने को मत दान का, डूबने को अभिमान।। नारायण संसार में भूतप को भरे अनेक। तेरी- मेरी कर चले लेने गये तिल एक।। आज भी तेरा आसरा, कल भी तेरा आस। पलक पलक तेरा आसरा छोड़ू ना बारहो मास। संजीवनी बूटी नाम की ह्रदय लई प...

.. The use of various mantras of Shrimad Bhagavat ..

For crisis relief: Krishna Vaasudeva Hariya Paramatmaan Pranat Chalachshay Govindai Namo Namah For attaining Lakshmi: Early introduction Nandasraj: Sarvumdhadiman Hirenithamatuna: RamaKaDaDambhutripa .. To Get Ahead: Kalyayani Mahamaya Mahayogyayatishwari Nandgopaschatu goddess husband in me For attaining the state: Mother Sharde Namthitha Kashmirpurwasini Daily Prayer routine education in Dnyanesh Desi .. For universal gain: Vijayamabhukta King Shravastadbhiyati Yan .. Burli Tasma Harantyge Rajan: Purna Radha. For God's sake: Hanam Raman Prabhaspati Kawasi-Quasi Mahabhuja Dasayasana can be seen in Kripana, Saitritham ..

।।श्रीमद् भागवत् के विविध-सिद्ध मंत्रों का प्रयोग।।

संकट निवृत्ति के लिए: कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः। लक्ष्मी प्राप्ति के लिये: तत् आरम्भ नन्दस्य बृज: सर्वसमृध्दिमान। हरेनि्वासात्मगुणे: रमार्कीडामभुत्रृप।। वर प्राप्ति के लिये: कल्यायनि. महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नंदगोपसचतं देवी पतिं मे कुरु मे नमः।  विध्या प्राप्ति के लिये: मां शारदे नमस्तुभ्य काश्मीरपुरवासिनी।   चामहं प्रार्थये नित्यं विद्या दान्ण्च देसी में।। ‌सर्वत्र विजय प्राप्ति के लिये: विजयाभीमुखा  राजा श्रत्वैतदभियाति यान्।। बर्लि तस्मै हरन्त्यर्गे राजान: पृथवे राधा। भगवतप्राप्ति के लिये: हानाथ रमण र्पेष्ठ क्वासि  - क्वासि महाभुज। दास्यास्ते कृपणता में सके दर्शय सात्रिधिम्।।
                     Shrimad  Bhagwat Shrimad Bhagwat is the goddess of God himself. Shrimad Bhagwat himself is a proud devotee of Shri Mukesh from Lord Shri. Shrimad Bhagwat is the fifth god. Srimad Bhagwat is the essence of all deities and Upanishads. Srimad Bhagwat Ras is Indus. Shrimad Bhagwat is a set of knowledge, devotion, restlessness. Srimad Bhagwat is paramount from all myths, hence the word has been embellished with the word Tilak. Shrimad Bhagwat is a light-revelation that illuminates the Bhagavata. The book that makes death a Mangalam is Shrimad Bhagwat. True love is Shrimad Bhagwat. Human life is a book containing Bhagvat almighty - Shrimad Bhagwat. Shrimad Bhagwat is a public drinker of intermediate juice distribution. It is a science to give peace to society and revolution in society - Shrimad Bhagwat Shrimad Bhagwat is the science to realize the ultimate truth. The book that frees you from the f...
                     ।। श्रीमद् भागवत गीता क्या है।‌। श्रीमद् भागवत स्वयं भगवान का वाड् मय स्वरुप है। श्रीमद् भागवत स्वयं भगवान के श्री मुख से नि सृत गृन्थ है। श्रीमद् भागवत पंचम देव है। श्रीमद् भागवत समस्त देवो और उपनिषदों का सार है। श्रीमद् भागवत रस सिंधु है। श्रीमद् भागवत ज्ञान, भक्त्ति,वैराग्य का समुच्चय है। श्रीमद् भागवत सभी पुराणों से सर्वोपरि है इसीलिए श्रीमद् शब्द के तिलक से इसे अलंकृत किया गया है। श्रीमद् भागवत भवगत्व को प्रकाशित करने वाला आलकिक प्रकाश-पुन्ज है। मृत्यु को मंगलम बनाने वाला ग्रंथ है- श्रीमद् भागवत। विशुद्ध प्रेम शास्त्र है-श्रीमद् भागवत। मानव जीवन को भगवत परायण वाला ग्रंथ है-श्रीमद् भागवत। श्रीमद् भागवत आध्यमिक रस वितरण की सार्वजनिक प्याऊ है। व्यक्ति को शांति व समाज को क्रांति देने वाला शास्त्र है-श्रीमद् भागवत। श्रीमद् भागवत परम सत्य की अनुभूति कराने वाला शास्त्र है। काल के भय से मुक्त कराने वाला ग्रंथ है-श्रीमद् भागवत। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण, मनन एवं चिंतन भक्तिप्रदाता है। मानव जीवन ...
Shri Ganeshaya Namah Shri Ganeshaya Namah Shri Ganeshaya Namah Shri Ganeshaya namah Shri Ganeshaya Namah Shri Ganeshaya namah Shri Ganeshaya namah.